this song is from film kabuliwala (1956) – written by gulzaar
ऎ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लॊ नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलॊ सीमा पर
वीरों ने है प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हे भी कर लो
जो लौट के घर न आये
ऎ मेरे वतन के लोगों
झरा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पडी आझादी
जब तक थी साँस लडे वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे डर कर माता
सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
जब देश में थी दिवाली
वो खेल रहे थॆ होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थि धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गूरखा कोई मदरासी
सरकद पे मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिन्दुस्थानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
थी खून से लट-पट काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अंत समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोत थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
तुम भूल न जाऒ उनको
इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
झरा याद करो कुरबानी
जय हिन्द की सेना जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
2 replies on “जय हिन्द की सेना”
ಒಳ್ಳೇ ಹಾಡನ್ನು ನೆನಪಿಸಿದಾಕ್ಕೆ ಥ್ಯಾಂಕ್ಸ್.
ये बहुत ही अछ्छा प्रयास है.